Translate

आप के लिए

हिन्दुस्तान का इतिहास-.धर्म, आध्यात्म, संस्कृति - व अन्य हमारे विचार जो आप के लिए है !

यह सभी को ज्ञान प्रसार का अधिकार देता है। यह एेसा माध्यम है जो आप के विचारों को समाज तक पहुचाना चाहाता है । आप के पास यदि कोई विचार हो तो हमे भेजे आप के विचार का सम्मान किया जायेगा।
भेजने के लिए E-mail - ravikumarmahajan@gmail.com

01 June 2015

वहा रे राजनिति हिन्दुस्तान का दुर्भाग्य - नरेन्द्र मोदी जिसे हिन्दुस्तान की जनता ने सर-माथे बैठाया

देश के लिए जान गवाने वाले कारगिल शहीद कैप्टन सौरभ कालिया का केस नहीं लडेगी मोदी सरकार। 
16 साल बाद एनडीए सरकार ने संसद में कहा है कि अंतर्राष्ट्रीय अदालत में कैप्टन सौरभ कालिया पर हुए पाकिस्तानी अत्याचार के खिलाफ अपील करना संभव नहीं है. मोदी सरकार ने कहा है कि अंतर्राष्ट्रीय अदालत में मामले को ले जाना प्रैक्टिकल नहीं है।
कैप्टन सौरभ कालिया कौन थे -
कैप्टन सौरभ कालिया को कमीशन प्राप्त होने के तुरंत बाद 4 जाट रेजीमेंट में तैनाती कारगिल में दी गई।
सौरभ कालिया अपने 4 जवानों सिपाही अर्जुनराम , भीकाराम , भगवान बागरिया , नरेशसिंह के साथ मई को गशत पर निकले । बजरंग पोस्ट पर बैठे पाकिस्तानी सैनिक जो धुसपैठियों के साथ थे देख उनका मुकाबला किया परन्तु गोला-बारूद खत्म हो जाने पर दुश्मन की गिरफ्त में आ गए। इन सभी को 22 दिन तक बंधक रखकर बुरी तरह से यातनाए दी।
जून 1999 को पाकिस्तानी सेना ने सभी के शव भारत सरकार को सौपे जिन्हे देखकर पता चला की कितनी यातनाए दी गई थी।
अटाप्सी रिपोर्ट से पता चला कि जवानों के साथ पाकिस्तान में हद दर्जे की बेरहमी की गई थी उनके शरीर को सिगरेटों से दागा गया था , आैर कानों में लोहे की सुलगती छडे घुसडी गई थी।

उस समय यू. पी. ए. सरकार ने कहा था कि ये मामला अंतर्राष्ट्रीय कोर्ट में नहीं ले जाया जा सकता है क्योंकि पाकिस्तान  इजाजत नहीं देगा। क्योंकि पाकिस्तान ने कहा की इनके शव एक गढढे में मिले है।
उस समय विपक्ष में रही  बीजेपी सरकार  ने  यू. पी. ए. सरकार उर्फ कांग्रेस  के ऐसे ही फैसले पर उसे जमकर घेरा था।
अब मोदी सरकार उर्फ बीजेपी उर्फ एन. डी. ए. कहती है की अंतर्राष्ट्रीय अदालत में मामले को ले जाना प्रैक्टीकल नहीं है।

हमारे मोदी जी अपनी छवि बनाने के लिए शपथ के समय पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को बुलवाते है वह क्या करेगे आप खुद ही समझ सकते है।

नरेन्द्र मोदी का 29 अप्रैल 14  को भाषण आैर टवीट इस प्रकार है -





मातृभूमि की रक्षा करके सौरभ कालिया जी आैर उनके साथीयों को एंव उनके परिवार को क्या मिलता है।  
यह बात अब देश के जवानो को सोचनी है। 
यही अगर किसी बडे नेता के साथ होता तो क्या होता ? ??????

सरकार को क्या आवशयकता है केस लडने की ?
मातृभूमि ले लिए जो शहीद हुए उनके मां-बाप, भाई-बहनों उनके बेटे-बेटी आैर उनकी पत्नी का बुरा हुआ मोदी  या किसी नेता का बुरा थोडे ही हुआ।

जिसे हिन्दुस्तान की जनता ने बहुत ही अरमान ले कर भारी बहुमत से जीताया था।
वीर  नरेन्द्र मोदी ,  देशभक्त नरेन्द्र मोदी ,
अच्छे दिनों का वादा कर देश की जनता के वादो पर खरे उतरने वाले  राजा हरीशचन्द्र  के बाद जन्म लेने वाले नरेन्द्र मोदी।   
महगाई पर अंकुश लगाने का वादा करने वाले हमारे नरेन्द्र मोदी।
भ्रष्टाचार मुक्त भारत का वादा करने वाले हमारे नरेन्द्र मोदी।
जम्मु कशमीर से  धारा 370 जो अस्थाई तौर पर लगाई गई थी हटाने वाले हमारे नरेन्द्र मोदी।
वायदा बाजार बंद करने वाले हमारे नरेन्द्र मोदी।
पाकिस्तान को सबक सिखाने वाले हमारे नरेन्द्र मोदी।
राम राज्य स्थापित करने वाले हमारे नरेन्द्र मोदी।  अरे मोदी जी  (उत्तरकाण्ड 20:1) पडे अगर नहीं पडा तो हम बतलाते है।
 "दैहिक दैविक भौतिक तापा। राम राज नहिं काहुहि ब्यापा।। सब नर करहिं परस्पर प्रीती। चलहिं स्वधर्म निरत श्रुति नीती।। अर्थात - राम राज्य में किसी को दैहिक, दैविक व् भौतिक ताप नहीं व्यापते थे। सब मनुष्य परस्पर प्रेम करते और सभी नीतियुक्त स्वधर्म का पालन किया करते थे। 
जैसे हरे भरे वृक्ष का मूल उसकी स्वथस्थ जड होती है उसी प्रकार एक राज्य का कर्णधार उसका राजा होता है- इस लिए यथा राजा तथा प्रजा अर्थात जैसा राजा वैसी प्रजा ।। राजा को आत्मज्ञानी होना चाहिए अन्यथा एक आत्मज्ञानी को राजा बना देना चाहिये।  
एक आत्मज्ञानी ही निस्वार्थ भावना से समस्त मानवता के कल्याणर्थ कार्य कर सकता है। उसकी दूरदर्शिता , उज्जवल चरित्र त्रुटि रहित संचालन ही देश काे पूर्णरुपेण विकसित व व्यविस्थत कर सकता है। 
मोदी जी जनता ने यही सोच कर आप को बहुमत से जीताया था। भगवान् ने आप को राजा बनाया है आप उसका धर्म निभाये। देश की जनता को झूठे आशवासन दे कर क्या रामराज्य की स्थापना करेगे आैर क्या परलोक में क्या जवाब देगे।

आैर एक थे हमारे प्रधान मंत्री श्री अटल बिहारी जी जिन्होने  
  • टोल नाके बना  देश के लोगो की जेब हल्की करने व पूंजीपतियों की जेब भारी करने के लिए  हिन्दुस्तान की जनता पर उपकार किया।
  • प्याज के जमाखोरो को जन्म दे हिन्दुस्तान की जनता पर उपकार किया।
हर तरफ जहा से जनता को लुट सके लुट रही है यह देश की सरकार परन्तु जनता खामोश है कर भी क्या सकते है।      
यही सोच का फायदा यह लोग उठाते है।

कांग्रेस हो या बीजेपी दोनो एक दूसरे से मिले हुए है आैर एक ही है जिसका एक आैर सटीक उदाहरण है -
दिल्ली  के मुख्यमंत्री केजरीवाल जो देश के लिए काम करना चाहते है परन्तु सब जानते है की मोदी आैर कांग्रेस किस तरह से उसको फेल करना चाह रही है।
भारत सरकार भ्रष्टाचार में पकडे पुलिसवाले की पैरवी कर रही है ।
इसके अलावा केजरीवाल को हर तरह से परेशान कर रहे है।
टी.वी चैनलो मेें खबरे नहीं आने दे रहे क्यों ?
दुर्भाग्य है मेरे हिन्दुस्तान का।

एक किसान नेता महेन्द्र सिंह टिकैत ने मण्डल आयोग जब लागू हुआ था आैर बच्चे आत्महत्या कर रहे थे उनहोन कहा कि तुम क्यों मर रहे हो अपने मोहल्ले के अपने शहर के नेताआें को मारो उसका असर यह हुआ कि कई दिनों तक नेता लोग नजर ही नहीं आये।

अगर उन्हे मारा होता तो आज देश का भविष्य बहुत अच्छा होता योग्य युवाआें को रोना नहीं पडता।

कांग्रेस ने 66 साल तक देश को बर्बाद किया उसका दण्ड जनता ने दिया अब हिन्दुस्तान की जनता के पास क्या विकल्प है। 
चुनाव के अन्तिम साल में जनता को थोडे तोहफे दे देगे जनता खुश .......  
फिर इनकी बल्ले-बल्ले। 

हमारे देश के एक प्रधानमंत्री थे श्री मोरार जी देसाई उन्होने देश की सत्ता सम्भालते ही देश वासियों को मंहगाई से राहत दिलवाई उन्होने कहा था की पहले मेरे देशवासी खाएगे बाद में जो बचेगा उसे बाहर भेजेगे। एक ही रात में मंहगाई काबु में आ गई।
परन्तु दुर्भाग्य इंदिरा जैसी शतिर ने उसे सत्ता से बाहर कर दिया।

कृषि देश में रोजाना हजारों बीधा जमीन बेची जा रही है। यही हाल रहा तो जनता खायेगी क्या। क्यों सोचे ये नेता लोग अपनी सात पुशतों के लिए धन जोड लिया आम जनता से क्या मतलब।

हिन्दुस्तान का वर्षा से दुर्भाग्य साथ चल रहा है - पहले मुगलों ने जी भर कर लुटा फिर अंग्रेजों ने बची कसर पुरी की अब हिन्दुस्तानी ही हिन्दुस्तानी को बुरी तरह से लुट रहा है।

हिन्दुस्तान में पडे लिखे काबिल लोगों के लिए जगह नहीं है क्यों की -
आरक्षण जो हमारे देश व मानवता पर सब से बड़ा कलंक है  "जातिगत आरक्षण "  हमारे देश की एकता और अखंडता पर सब से बड़ा खतरा है। 

अब भी समझे यह एक राजनिति षडयंत्र है  लगभग हर आदमी इस बात को जानता है।  क्या हमारे नेता इस बात को नहीं जानतें। 
क्योंकी वोट बैंक बना रह सकें।
काबिल रोते रहते है आैर मुर्ख मजे करते रहते है। यही है हमारे देश के नौनिहालों का भविष्य। आैर मोदी विदेश में अराम से रह रहे हमारे हिन्दुस्तानीयों को बडे सपने दिखा रहे है।
अगर मोदी वास्तव में देश का भला सोच रहा है तो उसे इस षडयंत्र को खत्म करे ।

गोपी फिल्म में एक गाना है जो पुरी तरह से सही है।  निवेदन है की इस गाने नीचे देखे -
रामचन्द्र जी कह गये सीया से एेसा कलयुग आयेगा, 

देश के लिए जिन्होने बलिदान दिये वह सब व्यर्थ ।  आज तक शहीद का दर्जा तक नहीं मिला। एक गांधी जिसने देश को बर्बाद किय जगह- जगह झूठे प्रचार कर कांग्रेस ने देश पर लाद दिया। 
अगर कही पर आत्मा है तो शहीदों की आत्मा आज रो रही होगी।

देश आजाद कराने वाले क्रातिकारीयों को जब आज तक इंसाफ नहीं मिला तो आज  सरकार से कारगिल के शहीदों के इंसाफ की क्या उम्मीद की जा सकती है ।

अब समय आ गया है की जनता को उठना पडेगा। 

आप से निवेदन है की सोये रहने से अब काम नहीं चलेगा क्रांति की अब आवशयकता है।  जबही हमारे देश का कल्याण होगा। 

गिरते हैं ख्याल तो गिरता है आदमी, संभलते हैं विचार तो संभलता है आदमी आैर देश।

वन्दे मातरम
जय हिन्द

आगे पढे
आरक्षण जिसने देश को बर्बाद कर रखा है

हे राम चन्द्र कह गये सिया से, ऐसा कलियुग आयेगा। हंस चुगेगा दाना दुनका, हंस चुगेगा दाना दुनका ,  कौवा मोती खायेगा। हे जी रे रे ….
सिया ने पूछा, ‘ भगवन, कलियुग में धर्म कर्म को कोई नही मानेगा।’   तो प्रभु बोले,
धर्म भी होगा,  कर्म भी होगा,  परन्तु शर्म नही होगी, बात बात में मात पिता को,  बेटा आँख दिखायेगा
हे राम चन्द्र कह गये सिया से ….
राजा और प्रजा दोनों में होगी निसदिन खिंचा तानी, खिंचा तानी, कदम कदम पर करेंगे दोनों अपनी अपनी मनमानी, मनमानी, जिसके हाथ में होगी लाठी भैंस वही ले जायेगा।
हंस चुगेगा दाना दुनका,  हंस चुगेगा दाना दुनका, कौवा मोती खायेगा। हे राम चन्द्र कह गये सिया से ….
सुनो सिया कलियुग में काल धन और काले मन होंगे, चोर उचक्के नगर सेठ और प्रभु भक्त निर्धन होंगे, जो होगा लोभी और भोगी, वो जोगी कहलायेगा।
हंस चुगेगा दाना दुनका,  हंस चुगेगा दाना दुनका, कौवा मोती खायेगा। हे राम चन्द्र कह गये सिया से ….
मंदिर सूना सूना होगा, भरी रहेंगी मधुशाला, मधुशाला, पिता के संग संग भरी सभा में नाचेंगी घर की बाला, घर की बाला।  कैसा कन्यादान पिता ही,  कन्या का धन खायेगा।
हंस चुगेगा दाना दुनका,  हंस चुगेगा दाना दुनका, कौवा मोती खायेगा। हे राम चन्द्र कह गये सिया से ….
मूरख की प्रीत बुरी जुए की जीत बुरी,  बुरे संग बैठ चैन भागे ही भागे, काजल की कोठरी में कैसो भी जतन करो, काजल का दाग भाई लागे ही लागे।   हे जी रे हे जी रे …..
कितना जती हो कोई कितना सती हो कोई, कामिनी के संग काम जागे ही जागे, जागे ही जागे रे।
सुनो कहे गोपीराम जिसका है रामधाम,  उसका तो फंद गले लागे ही लागे रे भाई उसका तो फंद गले लागे ही लागे।      हे जी रे हे जी रे ….

....................................







No comments:

Post a Comment

धन्यवाद

Note: Only a member of this blog may post a comment.